Friday, July 30, 2010

Varsha (Yeh Baarish ka hai Mausam)


Manipal is a place where the real beauty of rains can be felt. Today was just sitting silently and noticing the rains which is now like a regular deal for the last 10 days and will continue too, got back in flashback how we used to enjoy rains since our childhood and with the transition of life everything got transformed even the way we perceive rains today..A short poem at that time....

यह बारिश का है मौसम
है यह हरियाली का मौसम
बरशरहे है, टपक रहे है.
बूंदो के रूप में वर्षा के यह जल.

आते हैं यह हर साल
छोर जाते है यादों के वार
बीता है बचपन
इस वर्षा के बूंदो से खेलकर
बड़े हुए हम धीरे धीरे
वर्षा में चल चल कर.
यह बारिश का है मौसम
है यह हरियाली का मौसम

याद है आज भी स्कूल के वो स्वर्णिम दिन
वो जागना वर्षा के दीदार से
और जाना विद्या के मदिर में पूरे हर्षो उल्लाश से
वो दोस्तों का वो काफिला
वो बनारस की गलियां
सब बदला वो गलिया वो काफिला
पर आज भी वो है हमारे साथ
यह बारिश का है मौसम
है यह हरियाली का मौसम
.

On 30th July 2010, 11am...

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