Monday, August 2, 2021

कोणार्क 2022 तक बन सकता है भारत का पहला उत्सर्जन मुक्त शहर

मनीष कुमार

भुवनेश्वर: ओडिशा में पर्यटन को लेके चर्चित शहर कोणार्क भारत का पहला ऐसा शहर बनाने की तैयारी में है जो पूर्णत: उत्सर्जन मुक्त हो।  राज्य सरकार ने इस कार्य को 2022 तक समाप्त करने  का लक्ष्य रखा है।  राज्य सरकार का यह दावा है कि इस शहर की संपूर्ण उर्जा खपत की मांग को स्वच्छ उर्जा से पूरा किया जाएगा और इस ओर भरसक प्रयास भी किए जा रहे है। 

यहाँ के सरकारी उपक्रम जो इस परियोजना में शामिल है उनका कहना है की इसमें से कई कार्यो को अंजाम भी दिया जा चुका है एवं बचे हुए कार्य जल्द की पूरे कर लिए जायेंगे। 

लक्ष्य के अनुसार ऑफ ग्रीड से संबंधित सारे कार्यो को इस चलित वर्ष के सितंबर महीने तक पूरा कर लेना है एवं ग्रीड से जुड़े कार्यों को अगले वर्ष सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

ओडिशा उक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (OREDA) ने इस कार्य का दारोमदार हाल ही के कुछ दिनों में लिया है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए OREDA ने इसे दो भागों में बांटा है।

एक ओर ऑफ ग्रीड साधनो से कोपार्क में कई छोटी मोटी सुविधाओं को मुहैय्या कराया जाएगा जिसमे सौर उर्जा से चलने वाले पानी की नल, लाईट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। वही दूसरी ओर शहर की बढ़ती उर्जा निर्भरता को देखते हुए कालाहांडी में एक सौर उर्जा का प्रकल्प स्थिापित किया जा रहा  है। 

 हमने कोणार्क शहर को उत्सर्जन मुक्त बनाने के लिए सभी संभावित प्रयास किए हैं। हमने पहले ये पता लगाने की कोशिश की कि इस शहर की प्रतिदिन की उर्जा खपत कितनी है। हमने पाया की इसकी खपत लगभग 10MW के करीब है। इसे पूरा करने के लिए हमारी संस्था 10MW का एक प्रकल्प कालाहांडी मे स्थापित करने जा रही हैं," OREDA के संयुक्त निदेशक अशोक चौधरी ने कहा ।

उनका कहना है कि यदि यह प्रकल्प शहर की प्रतिदिन की खपत से ज़्यादा उर्जा का उत्पादन कर पाता है तो कोणार्क भारत का पहला ऐसा शहर बन जायेगा जो पूर्णत: उत्सर्जन मुक्त होगा।